Friday, October 31, 2014

अंगड़ाई

सज संवर के तो आई ही है ,
हो जाएं बेहोश दीवाने ,
गर हाथ उठाके, जोर से ,
इक अंगड़ाई हो जाए ...

जालिम प्यार बहुत आता है ,
सनम से लड़ने के बाद ,
आज अच्छा हो गर ,
थोड़ी लड़ाई हो जाए ...

सहंशाह हैं हम अपने दिल के ,
आज हुस्न लड़ने आया है ,
अब हुक्म ये है मेरे दिल ,
के चढ़ाई हो जाए ...

जोर लगाके सजता है वो ,
चाहने वालों के लिए ,
दिल ने मेरे चाहा के क्यूँ ना,
ऐसे हुस्न की कुछ बड़ाई हो जाए ...

Monday, October 27, 2014

शहंशाह

संभल जाएं वो, हर वक़्त जो , खोए पैमानों में रहते हैं ...
जिनके हाथ है कमान शहर की वो तयखानों में रहते हैं ...
अब कौन बचाए शहर को बर्बादी के मंजर से ...
शहर के जितने शहंशाह हैं , सब मयखानों में रहते हैं ...

Tuesday, October 21, 2014

दिवाली

भूल चुके सब  तीज त्यौहार हम ,आटे की कंगाली  में ...
काली रात काली ही रह गई, दीपक जला ना थाली में ...
काश के मीठा कुछ तो जाता अपने भी पेट खाली में ...
काश के हम भी शामिल होते अबकी बार दिवाली में ...

Monday, October 13, 2014

ईश्वर और अल्लाह

तो फिर इंसान क्यूँ मारे गए इतने बे-गुनाह ???
सीमा पर तो ईश्वर और अल्लाह की लड़ाई है …

हिन्दू मुस्लिम भाई भाई हो ही नहीं सकते ???
पता करो ये किसने झूठी अफवाह उड़ाई है …

गला काटने वाले कल गले मिलने आएंगे !!!
जरा सब्र करो मियां ,ये मौसम की अंगड़ाई है …

तू बैठ तमाशा देखे , तेरे लिए बन्दे कट मरें !!!
वाह मेरे मौला , क्या खूब तेरी खुदाई है …

Friday, October 3, 2014

सियासत

झूठे हो , ढोंगी हो , गुंडे हो , मवाली हो ...
चुनाव जीत जाओगे , सियासत में चले जाओ...

फिर खून करो ,डाका डालो , इज्जत लूटो, कुछ भी करो...
मजाल किसी की के तुम हिरासत में चले जाओ...

गरीब की बेटी की इज्जत ,जिसे वोट दिया उसने लुटा ...
अब इंसाफ का भ्रम हो तो बंधू अदालत में चले जाओ ...

तेरा कोई कुसूर नहीं नेता जी ना किये तूने कोई दंगे हैं ...
हमने ही आपको वोट दिया तो फिर हम ही लफंगे हैं ...
हम देखने वाले अंधे हैं हम बोलने वाले गूंगे हैं ...
हम दिखते अच्छे वेश में हैं पर हम लोग अक्ल से नंगे हैं ...