Thursday, November 17, 2016

बड़ा नोट

क्या क्या नहीं कुकर्म ये करता है बड़ा नोट
कभी करवाता पेशावर तो कभी पठानकोट ...
कहीं खुले आम खून की होली कहीं पे विस्फोट
गलत आदमी राजा बनता खरीद के हर वोट ...
ईमानदारी को मिला इनाम हुई बे-इमानि पर चोट 
खुश हुए कंगाल बहुत, रोये वो जिनकी जेब में खोट ...
हार गयी है जीन्स आज और जीत गया लंगोट
मोदी जी ने नो बॉल पर क्या खूब लगाया शॉट ...
थोड़ी सी कड़वी दवाई है जो पी गए तो जी गए
जनता खुश नेता परेशां , फैसला ऑन द स्पॉट ...
उनकी सोचो जो बदल रहे गोली के बदले गोली
तुम तो फिर भी बदल रहे हो नोट के बदले नोट ...

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