Monday, April 11, 2016

तेरे छू लेने से ...


वो जो मर चूका है मासूम सा बच्चा मेरे अंदर का ...
हो भी सकता है तेरे छू लेने से ज़िंदा हो जाए ...
दिल मेरा जो काल कोठरी में कैद है ज़माने से ...
तेरे मिलने की आस में हो सकता है परिंदा हो जाए ...
प्रयास प्रेम को पाने के कम नहीं होने देना रवि ...
बहुत मुमकिन है खुदा खुद ही कभी शर्मिंदा हो जाए ...

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